अगर आप या आपके किसी नजदीकी का मासिक धर्म चक्र हाल ही में शुरू हुआ है तो आप को हेमपुष्पा जैसे आयुर्वेदिक टॉनिक के बारे में जान लेना चाहिए । अक्सर किशोर उम्र के लड़कियों को हेमपुष्पा के बारे में कुछ पता नहीं होता । इनमे से कई लड़कियां शुरू से ही अनियमित माहवारी तथा माहवारी के दौरान दर्द से परेशान हो जाती है ।
इसी लिए , इस लेख में में आप को हेमपुष्पा नाम के आयुर्वेदिक तथा हर्बल सिरप के बारे में हिंदी में बताऊँगी जो आप के लिए जरूर फायदेमंद होगा ।
हेमपुष्पा सिरप क्या है ?
हेमपुष्पा सिरप उन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण है जो प्राचीन काल से भारतीय सभ्यता द्वारा महिलाओं के गर्भ, रक्त और मासिक धर्म संबंधित स्वास्थ्य सुधार के लिए इस्तेमाल की जाती है ।
हेमपुष्पा में अनंतमूल, अश्वगंधा, बाला, दारुहरिद्रा, लोध्र, मंजिष्ठा, पुनर्नवा, गंभारी, शतावरी, शंखपुष्पी नाम के आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनाई जाती है । इसमें मौजूद हर एक सामग्री की अपनी एक पहचान है । इसमें मौजूद हर एक घटक के विभिन्न गुणधर्म है ।
इस मिश्रण के सिरप के लिए राज वैद्य शीतल प्रसाद एंड संस कंपनी ने “हेमपुष्पा” एक प्रोडक्ट ब्रांड बनाया है । वह इसी नाम से इस आयुर्वेदिक सिरप को बेचते है ।
कई कंपनियां इसी मिश्रण से बने सिरप तथा टैबलेट को बेचती है । यह मेडिकल स्टोर तथा ऑनलाइन स्टोर पर आसानी से 200-250 रुपये में उपलब्ध होता है । इसी तरह के और ब्रांडस भी मौजूद है । जैसे की सच्ची सहेली सिरप । यह आप पर निर्भर करता है के आप क्या पसंद करती है ।
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हेमपुष्पा सिरप का उपयोग
मुख्य तौर पर हेमपुष्पा का उपयोग महिलाओं के गर्भ से जुड़े स्वास्थ्य सुधार के लिए किया जाता है । इसके साथ ही इसके कई साये फायदे है , जैसा की उनके प्रोडक्ट पर ही लिखा हुआ है की यह ,
- हार्मोनल संतुलन को विनियमित करने और मासिक धर्म संबंधी विकारों को प्रबंधित करने में मदद करता है
- रक्त शुद्धि कर सौन्दर्य निखारने में मदद करता है
- रजोनिवृत्ति सिंड्रोम को प्रबंधित करने में मदद करता है
- यह शरीर और मानसिक को दूर करता है
- भूख की कमी को दूर करने में मदद करता है
- यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है
- कमर, पेडू और नलों का दर्द मे राहत देता है
- महिलाओं में एक ताजगी और शक्ति का एहसास पैदा करता है
हेमपुष्पा में कई घटक होते है, इसलिए ऊपर दिए गए उपयोग के अलावा इसमें मौजूद घटकों के अपने गुणधर्म भी होते है ।
हेमपुष्पा सिरप का रोजाना 10-15 मिली उपयोग करे । हेमपुष्पा की 454 ml वाली कम से कम एक और ज्यादा-से ज्यादा छह बोतल पीनी चाहिए।
हेमपुष्पा सिरप का कम से कम 12 दिन उपयोग करना होता है । यह एक बार सुरू करने पर आप 5-6 महीनों तक इसका उपयोग कर सकते है । फिर कुछ दिन बंद करे । अगर परेशानियाँ लौट आती है तो फिर शुरू कर दे ।
गर्भधारणा, मानसिक इलाज , हार्मोनल थेरपी के दौरान हेमपुष्पा का परहेज करे ।
कैंसर, सेंसेटिव ऐलर्जी, आंतों के विकार जैसे विशेष बीमारियों के दौरान डॉक्टर के सलाह लिए बगाइट हेमपुष्पा ना पिए तो बेहतर है ,