भारत में गेहूं की खेती सबसे अधिक की जाती है। गेहूं भारत की प्रमुख फसल मानी जाती है। धान कटाई करने के बाद किसान गेहूं की खेती करने की तैयारी करते हैं। दूसरी फसलों की तरह, गेहूं में भी अलग-अलग प्रकार की नस्लें और बीज पाए जाते हैं। उन्नत गेहूं के बीज के अनुसार ही उन्नत गेहूं की फसल होती है। इससे किसान के गेहूं के उत्पादन और मुनाफे में सुधार होता है।
इस पोस्ट में, हम आपको बताने वाले हैं कि भारत में सबसे अच्छा गेहूं का बीज कौन सा है, इसके साथ ही गेहूं की विभिन्न प्रजातियों के नाम और गेहूं की फसल की पकाई की समय संबंधित जानकारी प्रदान करेंगे।
सबसे अच्छा गेहूं का बीज कौन सा है?
उच्च उत्पादन क्षमता को ध्यान मे रखते हुए DBW 296 (Karan Aishwarya) सबसे अच्छा गेहूं का बीज है । और स्वाद और रोटी बेकिंग क्वालिटी के लिए भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की माने तो “PBW1Chapati” का बीज सबसे अच्छा है ।
DBW 296 (करण ऐश्वर्या) आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा विकसित एक नई उच्च उपज वाली गेहूं की प्रजाति है। इसे भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (NWPZ) के लिए जारी किया गया है।
NWPZ में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजनों को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों (जम्मू और कठुआ जिला), हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों (उना जिला और पांवटा घाटी) शामिल हैं। ) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) आते है ।
सबसे अच्छा गेहूं का बीज की किसमे
अलग-अलग राज्यों और मौसम के हिसाब से किसानी के लिए विभिन्न प्रकार के गेहूं के बीज सुझाए जाते है । इसके अलावा कुछ उन्नत किस्म के गेहूं के बीज के नाम कुछ इस तरह है ,
अनु क्रम | गेहूं किस्म | प्रति हेक्टेयर उत्पादन (क्विंटल) | अतिरिक्त जानकारी |
---|---|---|---|
१ | DBW 327 (करण शिवानी) | 79.4 क्विंटल | वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त |
२ | DBW 332 (करण आदित्य) | 78.3 क्विंटल | जंग रोग प्रतिरोधी |
३ | HI 8759 (पूसा तेजस) | 75.5 क्विंटल | सूखे से बचावशील |
४ | HD 4728 (पूसा मलवी) | 76 क्विंटल | तनके रोग प्रतिरोधी |
५ | HW 5207 (COW3) | 57-76 क्विंटल | अच्छी तिल्ली मजबूती |
६ | HS 562 | 62 क्विंटल | सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त |
७ | HD 3171 | 28-46 क्विंटल | पत्ती रोग प्रतिरोधी |
८ | DBW 222 | 61.3 क्विंटल | पीले रोग प्रतिरोधी |
९ | DBW 252 | 36-55 क्विंटल | करनाल बंट रोग प्रतिरोधी |
१० | DDW47 | 74 क्विंटल | समय पर बोने के लिए उपयुक्त |
११ | करण वंदना (DBW 187) | 75 क्विंटल | पूर्वानुमानित वार्षिकता |
गेहूं के बीज की उन्नत किसमे और उनकी खासियत
DBW 327 (Karan Shivani)
इसे उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित किया है. जैसे की पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर को डिवीजन को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तरप्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में इसकी खेती करने से बंपर उत्पादन मिलेगा.
विशेषताए,
- इसकी उत्पादन क्षमता 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो कि HD 2967 से 35.3 फीसदी अधिक है
- संभावित उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है
- सूखे के प्रति सहनशील है. उच्च तापमान में भी उच्छा उत्पादन देती है
- बुवाई के 98 दिनों में बालियां निकल जाती है
- बुवाई के 155 दिनों बाद पककर तैयार हो जाती है
DBW 332 (Karan Aditya)
उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजनों को छोड़कर) और पश्चिमी यूपी (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर (जम्मू और कठुआ जिला) के कुछ हिस्सों और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों (उना जिला और पांवटा घाटी) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) के लिए इस गेहूं के बीज की सिफारिश हैं।
विशेषताए,
- इसकी उत्पादन क्षमता 78.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है
- संभावित उपज 83.0 क्विंटल/हेक्टर है।
- स्ट्राइप और लीफ रस्ट के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है
Hi 8759 (पूसा तेजस)
पूसा तेजस किस्म भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के इंदौर संस्थान द्वारा विकसित की गई है। इस किस्म को वित्तीय वर्ष 2016-17 में किसानों के लिए जारी की गई थी जिसे पूसा तेजस एचआई 8759 के नाम से भी जानी जाती है। यह गेहूं के बीज की प्रजाति मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान( कोटा एवं उदयपुर डिवीज़न) एवं उत्तरप्रदेश (झाँसी डिवीज़न) की जलवायु के लिए उपुक्त पाई गई है | इसकी |
विशेषताए,
- उत्पादन क्षमता 75.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है
- औसत उपज 57.0 क्विंटल/हेक्टर है।
- बेहतर गुणवत्ता के साथ-साथ जैविक एवं अजैविक दबाव प्रतिरोधी हैं
- फसल 115-125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है
- गेहूं की पूसा तेजस किस्म में कल्ले की अधिकता होती है
सबसे अधिक उत्पादक गेहूं कौन सा है?
उत्पादन के मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह खेती और मौसम की स्थिति पर निर्भर करता है – आज के समय में आप 80 क्विंटल से अधिक प्रति हेक्टेयर उत्पादन ले सकते हैं, क्योंकि एक के बाद एक उन्नत गेहूं के बीज उपलब्ध हो रहे हैं –
- डीडीडब्ल्यू 47
- करण नरेंद्र (करण नरेंद्र गेहूं बीज)
- पूसा यशस्वी (पूसा यशस्वी गेहूं बीज)
- करण श्रिया (करण श्रिया गेहूं बीज)
- करण वंदना (करण वंदना गेहूं बीज)”
कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी वर्षा और मृदा जलवायु के प्रभाव के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती है। और इस मे किसानी और जमीन के उपयुक्तता का भी योगदान होता है ।
DBW 296 (Karan Aishwarya)
उच्च उत्पादन क्षमता को ध्यान मे रखते हुए DBW 296 (Karan Aishwarya) सबसे अच्छा गेहूं का बीज है । और स्वाद और रोटी बेकिंग क्वालिटी के लिए भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की माने तो “PBW1Chapati” का बीज सबसे अच्छा है ।
4.7
Pros
- उच्च उत्पादन क्षमता : 83.3 q/ha
- पीले, भूरे और काले जंग और अन्य पर्ण रोगों के लिए प्रतिरोधी
- सूखे के प्रति प्रतिरोधी
- फूफूँद नाशक दवाओ की बचत
Cons
- उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के अलावा ज्यादा प्रचलित नहीं
DBW 296 (Karan Aishwarya)
उच्च उत्पादन क्षमता को ध्यान मे रखते हुए DBW 296 (Karan Aishwarya) सबसे अच्छा गेहूं का बीज है । और स्वाद और रोटी बेकिंग क्वालिटी के लिए भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की माने तो “PBW1Chapati” का बीज सबसे अच्छा है ।
4.7
Pros
- उच्च उत्पादन क्षमता : 83.3 q/ha
- पीले, भूरे और काले जंग और अन्य पर्ण रोगों के लिए प्रतिरोधी
- सूखे के प्रति प्रतिरोधी
- फूफूँद नाशक दवाओ की बचत
Cons
- उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के अलावा ज्यादा प्रचलित नहीं