जानिए गोश्त खाने से क्या होता है?

शाकाहारी लोगों के बहस में यह सवाल बार-बार पूँछा जाता है की आखिर ????गोश्त खाने से क्या होता है ? और तरह तरह के गोश्त के व्यंजन खाने के बाद भी अक्सर लोग कुछ ठीक-ठीक नहीं बता पाते । इसलिए आज इस पोस्ट में आगे हम गोश्त खाने के फायदे और नुकसान दोनों पहलुओ को गहराई से जानेंगे । और इस बहस को कुछ हद तक विराम देंगे ।
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ग्रील गोश्त (Image by Freepik)

जानवरों का मांस का मतलब गोश्त होता है । गोश्त का उपयोग भोजन के लिए किया जाता है। यह आम तौर पर जानवरों के मांसपेशियों के ऊतकों को संदर्भित करता है, लेकिन इसमें अन्य खाद्य ऊतक जैसे अंग और वसा भी शामिल हो सकते हैं। सामान्य प्रकार के गोश्त में गोमांस, भेड़ बकरी का, चिकन, टर्की और मछली शामिल हैं। मांस प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है, लेकिन इसके सेवन से नैतिक, पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव भी हो सकते हैं।

गोश्त खाने से क्या होता है?

सही मात्रा मे साफ सुथरा और हेल्थी गोश्त खाने से हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते है। गोश्त खाने से हमारे शरीर को बहुत से ऐसे तत्व प्राप्त होते है जो शाकाहारी खाने में आसानी से नहीं मिलते । ????????

गोश्त के के फेहरिस्त में चिकन, बीफ और मटन शीर्ष पर शामिल है । कुछ विशेष जानवरों के गोश्त को विशेष नाम से पहचाना जाता है ।

विभिन्न जानवरों और परिंदों के गोश्त में विभिन्न प्रकार के फायदे खाने वाले को मिलते है । सूअर जैसे विशेष और बीमार जानवर, अध-पके तथा अत्याधिक मात्रा में गोश्त खाने से नुकसान भी हो सकता है ।

गोश्त खाने के फायदे

सही मात्रा में साफ सुथरा और हेल्थी गोश्त खाने से हमे नीचे दिए हुए फायदे प्राप्त होते है ,

  • हमारे शरीर को अच्छी मात्रा में प्रोटीन प्राप्त होता है
  • जिंक, आयरण और विटामिन बी 12 प्राप्त होता है
  • मसल लॉस और ऐजिंग से राहत मिलती है
  • हड्डीया मजबूत होती है
  • बच्चों में दिमाग के विकास मे मदद मिलती है
  • सिलीनीअम की खुराक मिलती है जो सेल डैमिज, और कैंसर से लड़ने मे मददगार है
  • और, आखिर में हमे एक स्वादिष्ट खान प्राप्त होता है

गोश्त खाने के नुकसान

गलत मात्रा में , बीमार और खराब गोश्त खाने से हमे नीचे दिए हुए नुकसान हो सकते है ,

  • हमारे धमनियों में बुरा कोलेस्टेरॉल जमा होता है
  • चिपचिपा और अत्यधिक गोश्त खाने से दिल के बीमारिओ का खतरा बढ़ जाता है
  • शरीर पर ऐलर्जी का खतरा बढ़ जाता है
  • अध-पके गोश्त से अपचयन और फूड पॉइज़न का खतरा होता है
  • बीमार जानवर का गोश्त खाने से संक्रमण का खतरा बना रहत है
  • ज्यादा सोडीअम वाले गोश्त से ब्लड प्रेशर का खतरा होता है

विशेष जानवरों के गोश्त खाने से क्या होता है?

सारे के सारे जानवर का गोश्त हमारे सेहत के लिए अच्छा नहीं होता । इनमे कुछ जानवरों के गोश्त से नुकसान भी उठाना पद सकता है । शायद इसी लिए बकुछ धर्म में मांसाहार वर्जित है और कुछ धर्मों में विशेष प्रजाति के जानवर ही वर्जित है ।

गाय का गोश्त खाने के फायदे

गाय का गोश्त खाना हमारे लिए फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है । क्योंकि कई बाद गाय के शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन होता है जो गोश्त के साथ हमारे शरीर में जा सकता है । और गे के गोश्त से जानवरों का संक्रमण जल्द इंसानों में आ सकता है । गोश्त खाने की इजाजत देने वाले इस्लाम मे भी गाय के गोश्त को नापसंद और उसके दूध और घी को पसंद किया जाता है ।

बकरे का गोश्त खाने के फायदे

बकरे का गोश्त का सबसे बड़ा फायदा यह है के वह टेस्ट मे सबसे अच्छा होता है । बकरा बहुत कम उम्र 1-2 साल में कट जाता है इसलिए इसके गोश्त में किसी बीमारी के पनपने का खतरा बहुत मामूली होता है । अन्य गोश्त के मुकाबले बकरे का गोश्त मस्तिष्क के विकास और हड्डियों के मजबूती के लिए अच्छा होता है । इसली लिए बकरे का पाया बहुत ही पसंद किया जाता है ।

सूअर खाने से कौन सी बीमारी होती है?

सूअर का गोश्त खाने से फीता कृमि (Tape Worm), ???? केंचुआ, मलेरिया जैसी संक्रमण बीमारियाँ हो सकती है । ज्यादा चरबीदार होने के वजह से दिल की बीमारी और कोलेस्टेरॉल जन्य बीमारिओ का खतरा बढ़ जाता है । दुनिया के हर तीन में से दो व्यक्ति सूअर के गोश्त को खाना बिल्कुल सही नहीं मानते । और इस्लाम में यह सख्त वर्जित है ।

अंत में, क्या इंसान गोश्त खाने के लिए बना है ?

नहीं, इंसान की बनावट सर्व भक्षी की तरह है । इंसान पौधे और पशु उत्पाद (गोश्त) दोनों खा सकते हैं। यह हमारी पसंद पर निर्भर करता है की हमे क्या खाने में अच्छा लगता है । इसका मतलब यह नहीं है की हम इंसान निर्दयी बनकर जानवरों पर जुल्म ढा दे ।

इंसान सिर्फ शाकाहारी खाने पर अच्छी तरह जीवित रह सकता है, लेकिन सिर्फ मांसाहार पर नहीं । इस से पता चलता है की मुख्य तौर पर हम शाकाहारी ही है और मांसाहार हमारे जरूरत के मुताबिक होना चाहिए ।

लेखक के बारे में ,
लेखक हिंदी भाषा मे टेक्नोलॉजी,ऑटोमोटिव, बिजनेस, प्रोडक्ट रिव्यू, इतिहास, जीवन समस्या और बहुत सारे विषयों मे रचनात्मक सामग्री के निर्माता और प्रकाशक हैं। लेखक अपने ज्ञान द्वारा वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करना पसंद करते है। लेखक को Facebook और Twitter पर ????????फॉलो करे ।