डॉक्टर के सलाह के बगैर अशोकारिष्ट पीने वाली महिलाये इस बात से अनजान होती है के अशोकारिष्ट कितने दिन पीना चाहिए? इस पोस्ट में हम जानेंगे की अशोकारिष्ट कब और कितना पीना चाहिए। इसके साथ हम यह भी देखेंगे की अशोकारिष्ट कब नहीं पीना चाहिए।
????????????
आयुर्वेद ने हमें कई ऐसे वरदान दिए हैं जो हमारे लिए काफी उपयोगी साबित होते हैं। अशोकारिष्ट उनमें से एक है। अनियमित पीरीअड से परेशान महिलाये अशोकारिष्ट को पीती है । अशोकारिष्ट एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधि है जिसके मुख्य घटक अशोक के पेड़ की छाल, आंवला, हरीतकी और मुस्ता हैं। यह महिला विकारों या मासिक धर्म संबंधी विकारों और महिला हार्मोनल असंतुलन के लिए सबसे लोकप्रिय उपचारों में से एक है।
अशोकारिष्ट कितना और कितने दिन पीना चाहिए?
आम तौर पर, अशोकारिष्ट के 3-6 चम्मच (15-30 मिली) दिन में दो बार समान मात्रा में पानी के साथ भोजन के बाद लेने की सलाह दी जाती है। अशोकारिष्ट को कम से कम एक-दो महीने तक पीना चाहिए । आप इस के इस्तेमाल के अवधि को अपने चिकित्सक से परामर्श कर बढ़ा सकते है, क्योंकि कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे पीना हानिकारक हो सकता है ।
अगर आप चिकित्सक के परामर्श के बगैर इस पी रहे है तो आप को पता होना चाहिए के किन परिस्थितिओ में इसे नहीं पीना चाहिए ।
अशोकारिष्ट कब नहीं पीना चाहिए?
नीचे दिए गए स्थितियों में अशोकारिष्ट नहीं पीना चाहिए ,
- कम उम्र में
- जब आप विशेष बीमारी से ग्रस्त हो
- गर्भावस्था के दौरान
- कार्डियक बीमारिओ में
- कोई साइड इफेक्ट दिखाई देनेपर
अगर आप हार्मोन्स संबंधित विशेष बीमारी से ग्रस्त है तो बिना डॉक्टर के सलाह के आप को अशोकारिष्ट नहीं पीना चाहिए । इस कारण आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। फिर भी, अगर आपके डॉक्टर को लगता है की अशोकारिष्ट आप के लिए सुरक्षित है, तो आप इन बीमारिओ से ग्रसित होने के बावजूद अशोकारिष्ट ले सकते हैं।
अशोकारिष्ट का हार्मोन के स्तर पर प्रभाव पड़ सकता है, जो गर्भावस्था के लिए प्रतिकूल हों सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसके प्रयोग से बचना चाहिए। कुछ मामलों में यह गर्भ पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है । बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद आप फिर से अशोकारिष्ट को पी सकती है ।