इन्लैन्ड ताइपन (Inland taipan) दुनिया का सबसे खतरनाक जहर वाला सांप है । इंटरनेशनल जर्नल ऑफ न्यूरोफर्माकोलॉजी के अनुसार, अंतर्देशीय ताइपन सबसे विषैले सांपों में से एक है। इसका मतलब है कि इसके जहर का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा शिकार (या किसी इंसान) को मार सकता है। इन्लैन्ड तैपन सांप क्वींसलैंड और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के बाढ़ के मैदानों की मिट्टी की दरारों में रहते हैं। यह इंसानी आबादी से दूर रहते है ।
हर साल दुनियाभर मे तकरीबन 5.4 मिलियन लोगों को सर्पदंश का सामना करना पड़ता है । WHO के अनुसार हर साल तकरीबन दंश सर्पदंश के कारण 81,000 से 138,000 लोग मर जाते है । और इस से टीन गुना लोग अन्य स्थायी डिसेबिलिटी का शिकार हो जाते है । जहरीले सांप के काटने से अगर जान बच भी जाए, तब भी कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है । इनमे कुछ समस्याए जीवनभर के लिए तकलीफ का कारण बनती है ।
अगर सबसे ज्यादा जाने लेने वाले सांप की बात करे तो रसेल वाइपर एक चिड़चिड़े, छोटे स्वभाव वाला और बहुत आक्रामक सांप है जो जल्दी से काट लेता है। यह प्रजाति भारत में किसी भी अन्य साँप प्रजाति की तुलना में अधिक मानव मृत्यु के लिए सब से ज्यादा जिम्मेदार है, जिससे सालाना लगभग 25,000 मौतें होती हैं। इसी तरह दुनियाभर मे अन्य वाइपर की प्रजातीय भी लोगों के मौत के लिए जिम्मेदार है ।
दुनिया का सबसे खतरनाक सांप
इन्लैन्ड ताइपन दुनिया का सबसे खतरनाक सांप है । इसका वेनम(विष) अन्य सांपों के मुकाबले ज्यादा जहरीला होता है । अंतर्देशीय ताइपन (ऑक्सीयूरेनस माइक्रोलेपिडोटस) आमतौर पर पश्चिमी ताइपन, छोटे आकार का सांप या भयंकर सांप के नाम से जाना जाता है। यह सांप एलापीड़ाई (Elapidae) सर्प परिवार में अत्यंत विषैले सांप की एक प्रजाति है। यह प्रजाति मध्य पूर्व ऑस्ट्रेलिया के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों की स्थानिक सांप की प्रजाति है।
उन क्षेत्रों में रहने वाले ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों ने सांप को डंडाराबिल्ला नाम दिया है । चूहों में औसत घातक खुराक मूल्य के आधार पर, अंतर्देशीय ताइपन का जहर अब तक किसी भी सांप का सबसे जहरीला है – यहां तक कि समुद्री सांपों की तुलना में भी यह कहीं ज्यादा खतरनाक पाया गया है । और मानव हृदय कोशिकाओ पर किए गए परीक्षण मे भी यह सबसे खतरनाक सांप पाया गया । और असलियत मे भी इसके काटने पर भयंकर परिणाम देखे गए है ।
अच्छी बात यह है की तटीय ताइपन सांप की तुलना में यह अधिक दूरस्थ दराज के स्थानों में रहने वाले होते है । अंतर्देशीय ताइपन शायद ही कभी मनुष्यों के संपर्क में आते हैं। इसी लिए इन्लैन्ड ताइपन के काटने से ज्यादा लोगों की मौत नहीं होती । इसी लिए यह उन्ही लोगों को काटने है जो इनके इलाके मे अतिक्रमण कर चले जाते है । जैसे की जंगल सफारी करने वाले और जंगली जानवरों की शिकार करने वाले । इसलिए इनके इलाके से जितना दूर रहे उतना ही बेहतर है ।
Fake Snake Toy
Affiliate Disclosure : As an Amazon Associate I earn from qualifying purchases.
इस के अलावा दुनिया के सबसे खतरनाक कुछ सांपों की लिस्ट ,
- कॉस्टल ताइपन
- किंग कॉबरा
- बैंडेड करैत
- वाइपर स्नेक
- अफ्रीकी ब्लैक माम्बा
भारत में खतरनाक सांप के काटने का व्यापक विश्लेषण करने वाले 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, रसेल वाइपर के नाम पर भारत में 43% सर्पदंश हैं, इसके बाद क्रेट (18%), कोबरा (12%), हंप नोज वाइपर (4%) हैं। सॉ-स्केल्ड वाइपर (1.7%), वाटर स्नेक (0.3%) और शेष (21%) मे अज्ञात प्रजातियों के खतरनाक सांप थे। अब इस प्रकार के खतरनाक सांप से आप दूर ही रहे तो बेहतर है ।
सांप के काटने से क्या होता है ?
सांप के काटने से दिल तेज धड़कने लगता है । सर्पदंश वाली जगह जलन और दर्द महसूस होता है । जिस जिस यंग मे जहर चढ़ता है उस अंग मे तकलीफ शुरू होती है । थोड़ी देर बाद सांस लेने मे तकलीफ होती है । त्वचा का रंग बदलने लगता है । इंसान बेहोश होता है । वक्त पर इलाज ना मिलनेपर अंत मे पीड़ित पैरलाइज़ होकर उसकी की मौत हो जाती है ।
जहरीला सांप काटने पर अपने दांतों को पीड़ित के अंग मे घुसा देता है और पल भर मे दांतों के पीछे मौजूद जहर को शरीर मे इन्जेक्ट कर देता है । इन्जेक्ट किए गए विष को हमारे शरीर की कोशिकाये सोख लेती है और यह हमारे खून मे जा पहुचता है । अब यह विष जिस प्रकार का होता है उस तरह यह रक्त कोशिकाओ और न्यूरो सेल्स को मारना शुरू करता है ।
सांप के जहर के चार प्रकार हैं,
- प्रोटियोलिटिक जहर (Proteolytic Venom) – यह शरीर के ऊतकों को मारता है ।
- हेमोटॉक्सिक जहर (Hemotoxic Venom) – यह खून मे मौजूद रेड ब्लड सेल्स को मारता है ।
- न्यूरोटॉक्सिक जहर (Neurotoxic Venom) – यह हमारे नर्व सिस्टम पर हमला करता है ।
- साइटोटोक्सिक जहर (Cytotoxic Venom) – यह शरीर के सेल्स को मारता है ।
कुछ लोगों को सांप के काटने के बाद हल्के फुल्के लक्षण महसूस होते है तो कुछ लोगोंको तीव्र स्वरूप के । सांप मस्तिष्क के जितना करीब काटे उतना ज्यादा जल्द असर करता है । कई सांपों के काटने के बाद कुछ ही मिनटों मे पीड़ित की मौत हो जाती है । लेकिन अक्सर सांप जहरीले नहीं होते । शहर मे रहने वाला शख्स सांप के प्रजातियों मे जल्द पहचान नहीं कर पाता । लेकिन जंगलों के मूल निवासी सांपों के प्रजातियों के बारे मे बखूबी जानते है ।
अगर सांप काट ले तो उसके जहर के मुताबिक ही एंटी डोट का इन्जेक्शन लगाना पड़ता है । इसलिए काटने वाले साप की हुलिया तथा प्रजाति को पहचान ले और चिकित्सक को उसके बारे मे बताए। इस से इलाज करने मे आसानी होगी । अपने इलाकों मे वास करने वाले आम सांपों के प्रजाति के बारे मे जानकारी हासिल कर रखे।
सांप दिखाई देनेपर उसे पकड़ने की कोशिश ना करे। सांप इंसानों से कई गुना ज्यादा स्फूर्तिले होते है । वह हमारे कुछ समझ मे आने से पहले ही दंश मार देते है । सांप को पकड़ने वाले सर्प मित्र को बुलाकर आप उसकी सहाय्यता लेनी चाहिए। सर्प मित्र खतरनाक सांप को पकड़कर दूर जंगल के इलाकों मे छोड़ देते है । इस से वाणी जीवों की रक्षा होती है और इंसानी इलाके भी महफूज रहते है ।