हिंदी वर्णमाला (varnamala) हिंदी भाषा के वर्णाक्षर का एक चार्ट है, जिसे हिंदी अक्षरमाला (aksharmaala) भी कहा जाता है। वर्णमाला में स्वरों और व्यंजनों की सूची होती है, जो हिंदी भाषा में शब्दों का निर्माण करते हैं। हिंदी वर्णमाला 52 वर्ण से बनी है, जिसमें स्वर, अनुस्वार, विसर्ग और तीन तरह के व्यंजन हैं। इस पोस्ट में hindi varnamala के अक्षर, चार्ट और संबंधित सवालों के जवाब दिए हुए है ।
हिंदी वर्णमाला
हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इस ध्वनि को ही वर्ण कहा जाता है। हिंदी में वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को हिंदी वर्णमाला कहते हैं । वर्णों के बगैर भाषा का उच्चार और लेखन असंभव होता है । हिंदी भाषा में वर्णमाला का बहुत महत्व है । इसी लिए बच्चों को भाषा सिखाते वक्त सबसे पहले वर्ण माला ही सिखाई जाती है ।
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Hindi Varnamala
हिंदी वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या 52 है । वर्णमाला में वर्णों के उप प्रकार भी होते है , जैसे की स्वर, व्यंजन, अनुस्वार और विसर्ग । वर्णमाल में मौजूद अक्षरों का विवरण निम्न टेबल मे दिया हुआ है ,
हिंदी वर्ण प्रकार | वर्णाक्षर की संख्या | वर्णाक्षर (Hindi Alphabets) |
---|---|---|
स्वर | ११ | अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ |
मुख्य व्यंजन | ३३ | क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह |
संयुक्त व्यंजन | ४ | क्ष, त्रं, ज्ञ, श्र |
द्विगुण व्यंजन | २ | ड़, ढ़. |
अनुस्वार और अनुनासिक | १ | अं (ं) या अँ (ँ) |
विसर्ग | १ | अः या (:) |
कुल संख्या : | ५२ | + फारसी भाषा से हिंदी में आए २ आगत व्यंजन : ज़, फ़ |
वर्णमाला किसे कहते हैं?
हिंदी भाषा में वर्णमाला को देवनागरी लिपि के रूप में जाना जाता है। यह एक अबुगिडा है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक व्यंजन में एक अंतर्निहित स्वर ध्वनि होती है, और स्वर ध्वनियों को विशेषक चिह्न जोड़कर संशोधित किया जा सकता है।
हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं और इसे बाएं से दाएं लिखा जाता है। यहाँ पूर्ण हिंदी देवनागरी वर्णमाला है, जिसमें स्वर और व्यंजन दोनों शामिल हैं:
- स्वर : अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
- व्यंजन : क,ख,ग,घ,ङ,च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह
देवनागरी वर्णमाला में प्रत्येक अक्षर एक विशिष्ट ध्वनि का प्रतिनिधित्व करता है, और इन ध्वनियों को शब्द और वाक्य बनाने के लिए जोड़ा जा सकता है। देवनागरी लिपि का उपयोग न केवल हिंदी लिखने के लिए किया जाता है, बल्कि भारत में संस्कृत, मराठी और नेपाली सहित कई अन्य भाषाओं को भी लिखा जाता है।
इन स्वरों को उनके अंग्रेजी समकक्षों की तुलना में अलग तरह से उच्चारित किया जाता है, और उन्हें अलग-अलग शब्दांश बनाने के लिए व्यंजनों के साथ जोड़ा जा सकता है। उदाहरण के लिए, शब्दांश “का” व्यंजन “क” को स्वर “आ” के साथ जोड़कर बनाया गया है।
हिंदी वर्णमाला स्वर (Hindi Vovels)
जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस, कण्ठ, तालु आदि स्थानों से बिना रुके हुए निकलती है, उन्हें ‘स्वर’ कहा जाता है। स्वर (Hindi Vovels) देवनागरी लिपि में स्वरों को संदर्भित करता है, जिसका उपयोग हिंदी भाषा लिखने के लिए किया जाता है।
मुख्य स्वर :
हिंदी देवनागरी लिपि में 11 मुख्य स्वर हैं, और उन्हें निम्नलिखित प्रतीकों द्वारा दर्शाया गया है,
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ
संशोधित स्वर तथा मात्रा :
स्वर हिंदी भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि ये शब्दों के उच्चारण का आधार प्रदान करते हैं। 11 मूल स्वरों के अलावा, कई संशोधित स्वर ध्वनियाँ (Dependant Vovels) भी हैं जिन्हें मूल स्वर प्रतीकों में विशेषक चिह्न जोड़कर उत्पादित किया जा सकता है । जैसे की ,
ा ि ी ु ू ृ ॄ ॅ ॆ े ै ॉ ॊ ो ौ
इन संशोधित स्वर ध्वनियों को “मात्रा” के रूप में जाना जाता है और इनका उपयोग कुछ शब्दों के सही उच्चारण को इंगित करने के लिए किया जाता है।
अनुस्वार और अनुनासिक :
अनुस्वार एक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय देवनागरी लिपियों में प्रचलित है । इससे अक्सर ं जैसी ध्वनि नाक के द्वारा निकाली जाती है। अतः इसे अनुस्वार या अनुनासिक कहते हैं। इसको कभी-कभी म (और अन्य) अक्षरों द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि।
ं ँ
विसर्ग :
विसर्ग ( ः ) महाप्राण सूचक एक स्वर है। ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न अधिकांश लिपियों में विसर्ग के चिन्ह शामिल हैं। उदाहरण के लिये, रामः, प्रातः, अतः, सम्भवतः, आदि शब्दों के अंत में विसर्ग आया है।
ः
स्वरों के भेद
हिंदी वर्णमाला में स्वरों के तीन भेद होते हैं।
1. ह्रस्व स्वर
वह स्वर जिनको सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है उन्हे ह्रस्व स्वर कहते हैं। ह्रस्व स्वर में 4 वर्ण होते है । जैसे- अ, इ, उ, ऋ,
2. दीर्घ स्वर
वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों से अधिक समय लगता उन्हे दीर्घ स्वर कहते है । दीर्घ स्वर में 7 वर्ण होते है । जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
3. प्लुत स्वर
वह स्वर जिनको बोलने में ह्रस्व स्वरों की अपेक्षा तिगुना समय लगता है उन्हे प्लुत स्वर कहते है । जैसे – ॐ = अ + ओ + म्
Vyanjan in Hindi
जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस कण्ठ, तालु आदि स्थानों से रुककर निकलती है, उन्हें ‘व्यंजन’ कहा जाता है। हिंदी भाषा में देवनागरी लिपि में लिखे व्यंजन “व्यंजन”(Hindi Consonants) कहलाते हैं। देवनागरी वर्णमाला में 33 व्यंजन हैं, और उन्हें निम्नलिखित प्रतीकों द्वारा दर्शाया गया है:
क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द
ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह
हिंदी भाषा में शब्दों के उच्चारण और संरचना में व्यंजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका उपयोग स्वरों के संयोजन में एक शब्द बनाने वाले विभिन्न सिलेबल्स बनाने के लिए किया जाता है, और अलग-अलग उच्चारण या जोर को इंगित करने के लिए विशेषक अंक जोड़कर उन्हें संशोधित किया जा सकता है।
व्यंजन के प्रकार
हिंदी वर्णमाला मे व्यंजन के तीन प्रकार होते है । इसके अलावा दो अतिरिक्त व्यंजन होते है ।
1. स्पर्श व्यंजन
जिन व्यंजनों का उच्चार करते वक्त जीभ मुँह के किसी भी भाग को स्पर्श करती है उन्हे स्पर्श व्यंजन कहते है । स्पर्श व्यंजन कण्ठ, तालु, मूर्द्धा, दन्त और ओष्ठ स्थानों के स्पर्श से बोले जाते हैं। इसी लिए इन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं । स्पर्श व्यंजन की संख्या 25 है । उच्चारण-स्थान अनुसार इन्हे वर्ग किया जा सकता है इसलिए इन्हे वर्गीय व्यंजन भी कहा जाता है ।
स्पर्श व्यंजन के 5 प्रकार तथा वर्ग होते हैं और उन्हे उच्चार के स्थान अनुसार वर्ग किया जाता है ,
- क वर्ग :- क ख ग घ ङ – ये कण्ठ का स्पर्श करते है।
- च वर्ग :- च छ ज झ ञ ये – तालु का स्पर्श करते है।
- ट वर्ग :- ट ठ ड ढ ण (ड़, ढ़) – ये मूर्धा का स्पर्श करते है।
- त वर्ग :- त थ द ध न – ये दाँतो का स्पर्श करते है।
- प वर्ग :- प फ ब भ म – ये होठों का स्पर्श करते है।
2. अन्तःस्थ व्यंजन
अन्त:स्थ: का मतलब मध्य में होता है । हिंदी वर्णमाला में जिन वर्णों का उच्चार जीभ को तालु, दांत और ओठ से परस्पर सटाने से होता है लेकिन काही भी पूर्ण स्पर्श नहीं होता उन्हे अन्त:स्थ: व्यंजन कहते है । अन्त:स्थ: व्यंजन की संख्या 4 है । जैसे अन्त:स्थ: व्यंजन : य,र,ल,व
3. उष्म व्यंजन
ऊष्म का अर्थ होता है। जिन व्यंजनों के उच्चारण में हवा मुंह के भागों से रगड़कर गर्म श्वांस निकले उन्हे ऊष्म व्यंजन कहते है। ऊष्म व्यंजन की क्षणक्य 4 है। जैसे ऊष्म व्यंजन : श,ष,स,ह
4. द्विगुण व्यंजन
जिन व्यंजनों के उच्चारण में जीभ उपर उठकर मूर्धा को स्पर्श करके तुरंत नीचे आ जाए उन्हे द्विगुण व्यंजन कहते हैं। द्विगुण व्यंजनों की संख्या 2 हैं। जैसे द्विगुण व्यंजन : ड़, ढ
5. संयुक्त व्यंजन
ऐसे व्यंजन जिनका उच्चारण करने के लिये एक से अधिक व्यंजनों को मिलना पड़े उन्हे संयुक्त व्यंजन कहते है | संयुक्त व्यंजनों में वर्णों की संख्या 4 होती है । जैसे संयुक्त व्यंजन : क्ष,त्र,ज्ञ,श्र
हिंदी वर्णमाला चार्ट | Hindi Varnamala Chart
हिंदी वर्णमाला सारणी तथा तख्ती को वर्णमाला चार्ट कहते है । यह चार्ट घर में लटका कर बच्चों को भाषा सिखाने में बहुत फायदेमंद होते है । नीचे हम आप को हिंदी वर्णमाला इमेज चार्ट और पीडीएफ़ फाइल के लिंक दे रहे है ।
- वर्णमाला चार्ट इमेज (चित्र सहित)
- हिंदी वर्णमाला चार्ट pdf
Hindi Varnamala in English
हिंदी देवनागरी लिपि में टाइप करने के लिए english कीबोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है । इस लिए hindi varnamala के अक्षरों को टाइप करने के लिए english अक्षरों का काम्बनैशन पता होना चाहिए । इस काम के लिए नीचे दि हुई hindi varnamala in english रेफ्रन्स इमेज आप के काम आएगी ।
हिंदी वर्णमाला संबधित सवालों के जवाब
स्कूल कक्षा में पढ़ाई करने वाले बच्चों को भाषा सीखने के लिए सबसे पहले उस भाषा की वर्णमाला सीखना पड़ती है । और कई लोगों को अक्सर वर्णमाला में मौजूद अक्षरों के संख्या के बारे में सवाल पड़ता है । नीचे उन सवालों के जवाब दिए हुए है ।
????हिंदी वर्णमाला में कितने वर्ण हैं?
हिन्दी वर्णमाला में उच्चारण के आधार पर ५२ वर्ण होते हैं। इनमें ११ स्वर और ४१ व्यंजन होते हैं।
????हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर होते हैं?
हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर होते है । यह स्वर “अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ” है ।
????हिंदी वर्णमाला में कितने व्यंजन होते हैं
हिंदी वर्णमाला में कुल 41 व्यंजन होते है । इसमे 33 मुख्य व्यंजन, 4 संयुक्त व्यंजन, 2 द्विगुण व्यंजन, 1 अनुस्वार तथा अनुनासिक और 1 विसर्ग वर्ण होते है ।
????हिंदी वर्णमाला में कितने अक्षर होते हैं?
हिंदी वर्ण माला में कुल 52 अक्षर होते है । इसमे 41 व्यंजन और 11 स्वर अक्षर होते है ।