कई कोशिशों के बाद भी गर्भधारणा नहीं हो रही है तो ऐसे जरूरी सवाल दिमाग में आना आम बात है । क्योंकि, महिला के गर्भ में बच्चा ठहरने के लिए अंडे तक स्पर्म में मौजूद शुक्राणु का पहुचना सबसे जरूरी चीज होती है । और, अंडे तक आसानी से शुक्राणुओ के पहुचने के लिए पुरुष के स्पर्म में भरपूर मात्रा में शुक्राणुओ की उपलब्धि जरूरी होती है ।
याद रहे, प्रेग्नेंट होने के लिए एक पुरुष कितना मिली स्पर्म महिला के गर्भ में डालता है इस से ज्यादा जरूरी यह होती है की उस स्पर्म में कितने शुक्राणु मौजूद है । आसान भाषा में कहे तो स्पर्म की क्वालिटी होनी चाहिए। और यह क्वालिटी शुक्राणुओ के संख्या पर निर्भर करता है ।
प्राकृतिक गर्भधारण के लिए कितने शुक्राणु होने चाहिए
प्राकृतिक गर्भधारणा के लिए विश्व स्वास्थ्य संघटना के अनुसार पुरुष का स्पर्म 15 मिलियन शुक्राणु प्रति मिली होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है। यदि स्पर्म संख्या इस से कम है या एक बार के स्खलन में कुल शुक्राणुओ की संख्या 39 लाख से कम हो तो गर्भ ठहरने की संभावना बहुत कम रह जाती है ।
एक सामान्य पुरुष के वीर्य में शुक्राणु संख्या 15 मिलियन शुक्राणु से लेकर 200 मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर (एमएल) तक होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित स्वस्थ या सामान्य वीर्य विश्लेषण परिणाम निम्नलिखित हैं। चूँकि परिणाम व्यक्ति दर व्यक्ति अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए परिणाम एक सीमा के रूप में दिए जाते हैं।
अनु क्रम | वीर्य गुणवत्ता परखने के कारक | WHO संदर्भ रेंज |
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1 | एक बार के स्खलन में कुल शुक्राणुओं की संख्या | 39-928 मिलियन |
2 | एक बार में वीर्य स्खलन की मात्रा | 1.5-7.6 ml |
3 | शुक्राणु सांद्रता (Concentrated) | 15-259 मिलियन प्रति एमएल |
4 | स्पर्म कुल गतिशीलता (प्रगतिशील और गैर-प्रगतिशील) | 40-81 प्रतिशत |
5 | प्रगतिशील गतिशीलता | 32-75 प्रतिशत |
6 | शुक्राणु आकार (साइज़) | 4-48 प्रतिशत |
जब एक पुरुष और एक महिला बच्चा पैदा करने का निर्णय लेते हैं, तो पुरुष का शुक्राणु एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शुक्राणु छोटी कोशिकाएं होती हैं जो मनुष्य के अंडकोष में उत्पन्न होती हैं। ये कोशिकाएं आनुवंशिक जानकारी रखती हैं और एक महिला के अंडे को निषेचित करने के लिए आवश्यक होती हैं। शुक्राणु के बिना, अंडाणु निषेचित नहीं हो सकता और गर्भधारण नहीं हो सकता।
इसके साथ ही कई अन्य कारण भी गर्भधारणा में बाधा डालते है जैसे की शुक्राणुओ की गतिशीलता ।
शुक्राणु गतिशीलता यह है कि शुक्राणु कितनी कुशलता से चलता है। गर्भावस्था के लिए शुक्राणु गतिशीलता 40-81 प्रतिशत होनी चाहिए।
गतिशीलता संबंधी समस्याएं, जैसे धीमी या शून्य प्रगति, प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। जीवनशैली में कुछ बदलाव या पूरक शुक्राणु गतिशीलता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
अगर शुक्राणु कम है तो क्या करे?
अगर आप के या आप के साथी के वीर्य में शुक्राणु कम है तो तुरत घबराने की जरूरत नहीं है । शुक्राणुओ के कमी के अस्थाई कारण भी हो सकते है जैसे की खराब जीवनशैली और खानपान । अगर वीर्य में शुक्राणु कम है तो आप सबसे पहले विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह ले । और इस साथ ही निम्न बातों पर गौर करे ,
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाए जैसे की अच्छा खाएं, व्यायाम करें, धूम्रपान छोड़ें और शराब सीमित करें।
- तनाव को प्रबंधित करें और ध्यान लगाने, योग या गहरी सांस लेने का प्रयास करें।
- एक स्वस्थ वजन बनाए और उसे बरकरार रखे ।
- अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें।
- कोई भी पूरक, दवाये लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
- गर्मी, हॉट टब, गरम पानी और स्टीम बाथ से दूर रहें।
- अपने साथी से स्वस्थ यौन संबद्ध बनाए रखे ।
- डॉक्टर द्वारा दी गई शुक्राणु वर्धक दवाये ले ।
अंत में, आम तौर पर ऊपर दिए गए उपाय योजना से ज्यादातर मामलों में गर्भ ठहर जाता है । अगर फिर भी आप को जल्दी है तो डॉक्टर आप को IVF ट्रीटमेंट की सलाह दे सकते है । इस के बाद भी गर्भ नहीं ठहर रहा तो सब्र करे, वक्त के साथ कोई न कोई हल निकल आएगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो याद रखे ऐसी स्थिति का सामना करने वाले आप अकेले नहीं है ।